UPPCL Latest News: प्रीपेड मीटर के नाम पर तीन गुना बढ़े बिजली कनेक्शन के दाम, उपभोक्ताओं में गुस्सा
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने हाल ही में बिजली कनेक्शन की दरों में बड़ा बदलाव किया है। अब नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में तीन गुना तक ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं। निगम का कहना है कि यह कदम बिजली चोरी रोकने के लिए उठाया गया है, लेकिन उपभोक्ताओं का मानना है कि उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से ज्यादा वसूली की जा रही है
मीटर वही, कीमत तीन गुना
गोरखपुर के मोहद्दीपुर क्षेत्र की देवंती देवी ने दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन लेने के लिए झटपट पोर्टल पर आवेदन किया था। जांच के बाद सब कुछ सही पाया गया और उनसे कहा गया कि करीब ₹1,900 जमा करें, जिसके बाद कनेक्शन जोड़ा जाएगा।
लेकिन जब उनके परिवार ने पोर्टल खोला तो वे हैरान रह गए — अब उनसे ₹6,414 जमा करने के निर्देश दिए गए थे।
रसीद में लाइन चार्ज ₹398 और मीटर की कीमत ₹6,016 बताई गई। यानी, पहले जितनी रकम में पूरा कनेक्शन मिल जाता था, अब उतने में केवल मीटर ही मिल रहा है
प्रीपेड के नाम पर बढ़ी वसूली
राप्तीनगर के शिवकुमार को भी नए कनेक्शन के लिए तीन गुना ज्यादा पैसे जमा करने पड़े। कई उपभोक्ता इस अचानक बढ़ी लागत से परेशान हैं।
बिजली निगम का कहना है कि अब सभी नए कनेक्शनों पर प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि मीटर वही पुराना स्मार्ट मीटर है — बस नाम बदलकर "प्रीपेड" कर दिया गया है।
पहले यही मीटर सस्ते में लगते थे
जानकारी के अनुसार, जो मीटर अब “प्रीपेड” कहकर लगाए जा रहे हैं, वही पहले भी इलेक्ट्रॉनिक मीटर के रूप में इस्तेमाल होते थे। पहले इनकी कीमत काफी कम थी।
लेकिन अब UPPCL के नए आदेशों के बाद, प्रीपेड मीटर के नाम पर इनकी दरें तीन गुना तक बढ़ा दी गई हैं, जबकि तकनीकी रूप से ये वही स्मार्ट मीटर हैं जो पहले लगाए जा रहे थे।
पोस्टपेड कनेक्शन का विकल्प अब भी मौजूद
हालांकि निगम ने सभी नए कनेक्शनों पर प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया है, फिर भी झटपट पोर्टल पर पोस्टपेड कनेक्शन का विकल्प अभी भी दिखाई दे रहा है।
कई उपभोक्ता भ्रमित होकर पोस्टपेड विकल्प चुन लेते हैं, लेकिन बाद में आवेदन खारिज कर दिया जाता है और कहा जाता है कि अब केवल प्रीपेड मीटर ही लगाया जाएगा।
उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस बढ़ी हुई दरों का विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि साल 2019 में नियामक आयोग ने नॉन-स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दर ₹6,016 तय की थी। अब उसी दर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं, जबकि दोनों के मानक अलग हैं।
परिषद का कहना है कि यह उपभोक्ताओं से की जा रही सीधी वसूली है और इस मामले को विद्युत नियामक आयोग में उठाया गया है।
निष्कर्ष
UPPCL की इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब मीटर वही है, तो कीमत इतनी ज्यादा क्यों बढ़ाई गई?
उम्मीद की जा रही है कि नियामक आयोग जल्द ही इस मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।